2025 में भारत पर अमेरिकी टैरिफ: व्यापार, शेयर बाजार और एक्सपोर्ट पर असर
Meta Description: जानिए कैसे 2025 में अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए नए टैरिफ व्यापार, निर्यात और शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे। पूरी जानकारी और विश्लेषण इस लेख में।
क्या हैं 2025 के अमेरिकी टैरिफ?
5 अप्रैल 2025 से अमेरिका ने सभी देशों पर 10% टैरिफ लागू कर दिया है। भारत पर विशेष रूप से 26% का प्रतिशोधात्मक टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी हो गया है। इसका उद्देश्य भारत की उच्च टैरिफ नीतियों और व्यापार में बाधाओं को चुनौती देना है।
किन उत्पादों को छूट दी गई है?
- स्टील और एल्युमिनियम उत्पाद
- ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स
- कॉपर
- फार्मास्यूटिकल्स
- सेमीकंडक्टर्स
- लकड़ी आधारित उत्पाद
- बुलियन (सोना, चांदी)
- ऊर्जा उत्पाद व कुछ दुर्लभ खनिज
भारत को क्यों निशाना बनाया गया?
अमेरिका का कहना है कि भारत में विदेशी कंपनियों को व्यापार करने में जटिल प्रमाणन और परीक्षण प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है। इससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान होता है। यदि ये बाधाएं हटाई जाती हैं, तो अमेरिका का भारत को निर्यात $5.3 बिलियन प्रति वर्ष तक बढ़ सकता है।
Khas देशों और उन पर लागू टैरिफ़्स:
• चीन: 34%
• भारत: 26%
• यूरोपीय संघ: 20%
• वियतनाम: 46%
• ताइवान: 32%
• जापान: 24%
• दक्षिण कोरिया: 25%
• थाईलैंड: 36%
• स्विट्ज़रलैंड: 31%
• इंडोनेशिया: 32%
• मलेशिया: 24%
• कंबोडिया: 49%
• यूनाइटेड किंगडम: 10%
• दक्षिण अफ्रीका: 30%
• ब्राज़ील: 10%
• बांग्लादेश: 37%
• सिंगापुर: 10%
• इज़राइल: 17%
• फिलीपींस: 17%
• चिली: 10%
• ऑस्ट्रेलिया: 10%
• पाकिस्तान: 29%
• श्रीलंका: 44%
• तुर्की: 10%
• कोलंबिया: 10%
विशेष टैरिफ़:
• सभी विदेशी निर्मित ऑटोमोबाइल्स पर: 25%
औसत टैरिफ तुलना तालिका:
देश | औसत MFN टैरिफ (%) |
---|---|
भारत | 17.0% |
अमेरिका | 3.3% |
चीन | 7.5% |
ब्राज़ील | 11.2% |
यूरोपीय संघ | 5.0% |
वियतनाम | 9.4% |
डोनाल्ड ट्रंप के बयान
“भारत बहुत कठिन देश है। प्रधानमंत्री मेरे अच्छे मित्र हैं, लेकिन वे हमें ठीक से ट्रीट नहीं कर रहे हैं। वे हमसे 52% चार्ज करते हैं, और हम उनसे लगभग कुछ भी नहीं लेते।”
“भारत अब कह रहा है कि वह टैरिफ कम करेगा। मैंने कहा – यह पहले क्यों नहीं किया गया?”
व्यापार और एक्सपोर्ट पर असर
- भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे
- अमेरिकी खरीददार वियतनाम जैसे विकल्प देख सकते हैं
- छोटे निर्यातकों को अधिक नुकसान
- भारत-अमेरिका ट्रेड बैलेंस पर दबाव
शेयर बाजार पर संभावित असर
- मेटल सेक्टर विशेष रूप से प्रभावित (कॉपर पर 25% टैरिफ प्रस्तावित)
- एक्सपोर्ट-आधारित कंपनियों के शेयरों में दबाव
- फार्मा और IT सेक्टर को राहत लेकिन 2025 के अन्त तक लगने की संभावना जताई जा रही है!
- इसके चलते भारत का शेयर मार्केट नीचे कर चुका है शायद ओर भी गिर सकता है जिस वस्तु ओर टैरिफ नहीं लगा है वो शेयर अच्छा रिटर्न दे सकते है टैरिफ के चलते पूरे दुनिया का मार्केट हिल चुका है खुद अमरीका का !
निष्कर्ष:
2025 में अमेरिकी टैरिफ भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। सरकार को चाहिए कि वह इन मुद्दों पर अमेरिकी प्रशासन से बातचीत करे और घरेलू उद्योगों को समर्थन दे। साथ ही, भारत को अपनी व्यापार नीति और प्रमाणन प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता है ताकि वह वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रख सके।