ICICI बैंक ने UPI पर ₹6 चार्ज लगाकर मचाया हंगामा – जानिए आपको देना होगा या नहीं?
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने वाले भारत में UPI (Unified Payments Interface) सबसे तेज़ और सुविधाजनक माध्यम बन चुका है। आम आदमी हो या व्यापारी, हर कोई गूगल पे, फोनपे या पेटीएम के जरिए आसानी से पैसे ट्रांसफर कर रहा है। लेकिन अब इस फ्री सुविधा पर भी बैंक चार्ज लगाने लगे हैं। हाल ही में ICICI Bank ने ऐलान किया है कि कुछ UPI ट्रांजैक्शन्स पर ₹6 का शुल्क लिया जाएगा।
इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है – क्या अब UPI फ्री नहीं रहेगा? क्या ये चार्ज हर किसी पर लगेगा? चलिए, इस ब्लॉग में पूरी सच्चाई समझते हैं।
क्या है ICICI Bank का नया नियम?
ICICI Bank ने घोषणा की है कि अब वो ₹6 का UPI चार्ज लगाएगा, लेकिन यह हर ट्रांजैक्शन पर नहीं है। यह शुल्क सिर्फ उन्हीं ट्रांजैक्शन्स पर लागू होगा जो थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स जैसे:
- Google Pay
- PhonePe
- Paytm
के माध्यम से किए जाएंगे। अगर आप ICICI Bank की official mobile banking app या internet banking का उपयोग करते हैं, तो यह चार्ज नहीं लगेगा।
किसे देना होगा ₹6 का चार्ज?
यह नियम सिर्फ ICICI Bank के ग्राहकों पर लागू होगा और केवल तभी जब वे ऊपर बताए गए थर्ड-पार्टी ऐप्स के ज़रिए पेमेंट करेंगे।
ध्यान दें:
- अगर आपका बैंक खाता ICICI Bank में है और आप GPay या PhonePe से किसी को पैसा भेजते हैं, तो ₹6 का अतिरिक्त शुल्क लिया जा सकता है।
- अगर आप ICICI Bank की अपनी ऐप (iMobile) या नेट बैंकिंग से UPI पेमेंट करते हैं, तो कोई चार्ज नहीं लगेगा।
- यह चार्ज अभी सिर्फ Payment Aggregators (PA) पर लागू है, न कि direct bank-to-bank ट्रांजैक्शन पर।
क्या यह चार्ज हर ट्रांजैक्शन पर लगेगा?
नहीं। यह चार्ज कुछ खास ट्रांजैक्शन्स पर लागू होता है और इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं। उदाहरण के तौर पर:
- यह चार्ज तब लगता है जब आप किसी मर्चेंट को पेमेंट करते हैं या फिर बार-बार UPI का उपयोग करते हैं।
- पर्सनल ट्रांसफर (जैसे दोस्त को पैसे भेजना) पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन अनुमान है कि वो फिलहाल फ्री ही रहेगा।
- ICICI बैंक ने अभी तक इसकी पूरी चार्ज स्ट्रक्चर सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन ₹6 का शुल्क शुरुआती स्टेप है।
ग्राहक क्या कह रहे हैं?
सोशल मीडिया पर इस खबर के सामने आते ही यूज़र्स ने नाराज़गी जताई। कुछ लोगों का कहना है कि सरकार ने खुद कहा था कि UPI फ्री रहेगा, फिर बैंक कैसे चार्ज ले सकते हैं?
वहीं कुछ ग्राहक यह भी कह रहे हैं कि अगर बैंक को ऑपरेशन कॉस्ट कवर करना है, तो मामूली चार्ज ठीक है – लेकिन इसे पारदर्शी और सीमित रखा जाए।
सरकार का क्या रुख है?
भारत सरकार और RBI कई बार कह चुके हैं कि UPI एक पब्लिक गुड है, और इसे फ्री रखना ज़रूरी है। लेकिन बैंकों को कुछ ऑपरेशनल खर्च उठाने पड़ते हैं, इसलिए वो कुछ मामलों में सर्विस चार्ज लगाने लगे हैं।
हालांकि सरकार ने अब तक ICICI Bank के इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
क्या अन्य बैंक भी ऐसा करेंगे?
ICICI Bank भारत का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक है। अगर उसका यह कदम सफल रहता है या कोई विरोध नहीं होता, तो आगे चलकर अन्य बैंक भी यही रास्ता अपना सकते हैं।
ऐसे में जल्द ही गूगल पे या फोनपे से पैसे भेजने पर बाकी बैंकों के ग्राहक भी चार्ज दे सकते हैं।
चार्ज से बचने के तरीके
अगर आप ICICI Bank के ग्राहक हैं और ₹6 चार्ज से बचना चाहते हैं, तो ये उपाय अपनाएं:
- ICICI Bank की ऑफिशियल मोबाइल ऐप (iMobile) का इस्तेमाल करें।
- Net Banking से UPI ट्रांजैक्शन करें।
- थर्ड पार्टी UPI ऐप्स जैसे Google Pay/PhonePe से कम से कम ट्रांजैक्शन करें।
- अगर संभव हो तो अन्य बैंक खाता उपयोग करें जो अभी फ्री UPI की सुविधा दे रहे हों।
निष्कर्ष: क्या UPI अब फ्री नहीं रहेगा?
अभी तो यह फैसला केवल ICICI Bank द्वारा लागू किया गया है और वह भी कुछ खास परिस्थितियों में। लेकिन यह एक संकेत जरूर है कि आने वाले समय में डिजिटल पेमेंट पर फ्री का दौर खत्म हो सकता है।
सरकार और RBI को अब इस मुद्दे पर स्पष्ट दिशा-निर्देश देने की ज़रूरत है ताकि ग्राहकों को पता हो कि किस पेमेंट पर शुल्क लगेगा और किस पर नहीं।
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